
झाबुआ मध्यप्रदेश का सबसे छोटा जिला है। लेकिन मध्यप्रदेश का आदिवासी बहुल सबसे बड़ा जिला है। झाबुआ जिले का कुल भौगोलिक क्षेत्र 6781 वर्ग किलो मीटर है। जो कि प्रदेश का 1.53 प्रतिशत क्षेत्र है। सम्पूर्ण जिले की जनसंख्या 667811 है जिसमें 565705 अनुसूचित जनजाति के लोग और 18259 अनुसूचित जाति की जनसंख्या है जो कि मध्यप्रदेश की कुल जनसंख्या का 1.6 प्रतिशत ही है। पुर्नगठित मध्यप्रदेश में लगभग 96;27 लाख जनजातीय आबादी निवास करती है। यहां गौंड और भील जनजातियों की आबादी अधिक है। कहा जाता है कि झाबुआ जिला भीलों का जिला है जहां 80 प्रतिशत भीलों का निवास है। जनसंख्या की दृष्टि से भील को भारत वर्ष की सबसे बड़ी जनजाति माना जा सकता है। सभी उप जातियों सहित भील जनजाति की कुल जनसंख्या लगभग 60 लाख है प्रशासनिक व्यवस्था के अर्न्तगत जिले को 5 राजस्व अनुभागों, 8 तहसीलों व 12 विकास खण्डों में बांटा गया है। जिले में 612 ग्राम पंचायतें व 1326 आबाद ग्राम है झाबुआ जिले में जो आठ तहसील हैं वे इस प्रकार है-- झाबुआ, रानापुर, अलीराजपुर, भाबर, जोबट, थांदला, मेघनगर, और पेटलावद। जिले के दक्षिणी एवं उत्तरी भाग पर नर्मदा और माही नदी बहती है। नर्मदा जिले की सबसे बड़ी नदी है। यह पूर्व से पश्चिम की और जिले के दक्षिणी किनारे से बहती है। जिले की हथनी नदी नर्मदा की मुख्य सहायक नदी है। झाबुआ एक आदिवासी बहुल जिले मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित है. यह पंचमहल और गुजरात के बड़ौदा जिलों, राजस्थान के बांसवाड़ा और धार जिले और मध्य प्रदेश के रतलाम जिलों से घिरा हुआ है. नर्मदा नदी जिले के दक्षिणी सीमा में है. पहाड़ी क्षेत्र है, आम तौर पर झाबुआ पहाड़ियों स्थलाकृति के रूप में जाना जाता है. कुल क्षेत्रफल 6793 वर्ग किलोमीटर है. वहाँ 1313 के लगभग छोटे-बडे बसे गांव हैं. जिसमें से 47 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं. इस प्रकार, झाबुआ एक आदिवासी बहुल क्षेत्र और गरीब जिला है. झाबुआ जिला कट्ठीवाड़ा और अन्य क्षेत्र को छोड़कर वनस्पति से रहित है और लहरदार, पहाड़ी क्षेत्रों से भरा है. इस क्षेत्र में दो जनजातियों भील और भीलाला मुख्यतः निवासरत है.
झाबुआ शहर , यहाँ के राजा झब्बू नायक के नाम से प्रेरित है. झाबुआ शहर पर सेकड़ो वर्ष पहले झब्बू राजा की हुकूमत थी , तथा यहाँ जोधा राठोर राजवंश के महाराजा द्वारा आक्रमण कर झब्बू राजा को परास्त किया गया तत्पश्चात झाबुआ शहर में राजवंशी राज, एवं जोधा राठोर राजवंश के महाराजाओ की हुकूमत हुई. जोधा राठौर राजवंश के संस्थापक राव जोधा जी है जिनके ही नाम से राठौर रघुवंशी समाज को जोधा राठौर रघुवंशियो के रूप में जाना गया. झाबुआ शहर पर जोधा राठौर राजवंशी की हुकूमत ई .पु 1584 से शुरू हुई. झाबुआ शहर के प्रथम महाराजा व जोधा राठौर राजवंश के प्रथम रघुवंशी महाराजा केशवदासजी थे जिन्होंने ई. पु 1584 से 1607 तक साम्राज्य संभाला . इस प्रकार समय के साथ झाबुआ शहर पर जोधा राठौर राजवंश की राज गद्दी पर राजवंश के विभिन महाराजा आसीन हुए व झाबुआ शहर की बागडोर संभाली. झाबुआ शहर के २० वे महाराजा अजीत सिंह जी वर्ष 1965 से 2002 तक राजगद्दी पर आसीत रहे व वर्ष २००२ में उनके देहावसान के पश्चात् झाबुआ शहर के २१ वे महाराजा के रूप में नरेन्द्रसिंह जी का राजतिलक व राज्याभिषेक किया गया . राजतिलक राजवंशी राजपुरोहित श्री हरिओम सिंह जी राजपुरोहित द्वारा अपने रक्त से किया गया . तत्पश्चात महाराजा नरेन्द्र सिंह जी को राजगद्दी पर आसीन किया गया .