jhabua historyझाबुआ ब्रिटिश राज के मध्य भारत के एक राजसी राज्य की राजधानी भोपावर एजेंसी में था, इसका क्षेत्रफल, लगभग 6793 वर्ग मील (km2 4600) है, 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद झाबुआ नव निर्मित मध्य भारत राज्य का हिस्सा बन गया है, जो 1956 में मध्य प्रदेश में विलय कर दिया गया था.मई 1948 में जब मध्‍यभारत बना था तब झाबुआ जिला अस्तित्‍व में आया। उस समय झाबुआ जिला अलीराजपुर, जोबट, कठीवाडा, माठवार और पेटलावद परगने से मिलकर बना। धार जिले के कनवाडा को भी इसमें शामिल किया गया। जब हम झाबुआ को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्‍य में जब हम देखे तो झाबुआ जिले की स्‍थापना 1584 में केशवदास राठौर ने की थी। 1618 में इनकी जागीर मुगल सल्‍तनत से मिल गई, लेकिन 1642 में पुन: शाहजंहा ने केशवदास के भतीजे को राज्‍य सौंप दी।वर्तमान झाबुआ 15 वीं 16 वीं शताब्‍दी में तीन राज्‍यों से मिलकर बना था, अलीराजपुर, जोबट, और झाबुआ। झाबुआ की स्‍थापना जहांगीर के शासन काल में श्री केशवदास राठौर ने की थी। जिन्‍होंने लगभग 23 वर्षों तक शासन किया इसके पश्‍चात करनसिंह, ने तीन साल राज्‍य किया। इसके बाद क्रमश: मानसिंह, कुशलसिंह, अनुपसिंह, बहादुर सिंह, भीमसिंह, प्रतापसिंह, रतनसिंह और अंत में गोपालसिंह ने शासन किया। सन् 1857 की क्रांति के समय गोपालसिंह केवल 17 वर्ष के थे। 1943 में अनेकों राजनीतिक परिवर्तनों के बाद ब्रिट्रिश सरकार द्वारा दिलीपसिंह को शासन की बागडोर पूर्णरूप से सौंप दी। भाबरा जो एक समय झाबुआ जिले का हिस्सा था, जहां चंद्रशेखर आजाद, महान स्वतंत्रता संग्रामी ने अपने प्रारंभिक जीवन बिताया था जब उनके पिता पंडित सीताराम तिवारी अलीराजपुर के तत्कालीन संपत्ति में सेवारत थे . लेकिन, अलीराजपुर जिला (जो एक समय झाबुआ जिले का हिस्सा था) को जब झाबुआ जिला से अलग एक अलग जिला बनाया गया तो भाबरा अलीराजपुर जिले का हिस्सा बन गया. यह जिला 21 अंश 55 20 उत्‍तरी अक्षांश और 23 14 52 उत्‍तरी अक्षांश के समानान्‍तर और 74 2 15 पूर्वी देशांश और 75 1 पूर्वी देशांश पर स्थित है। इसकी समुद्र तल से उंचाई 826 मीटर है। 2001 की जनगणना के रूप में, झाबुआ की आबादी 30,577 थी. पुरुषों और महिलाओं की जनसंख्या 48% से 52% का बीच थी . झाबुआ की 75% आबादी में औसत साक्षरता दर 59.5% थी , जो की राष्ट्रीय औसत की तुलना में काफी अधिक है: पुरुष साक्षरता दर 80% है, और महिला साक्षरता दर 69% है. 2001 की जनगणना के रूप में झाबुआ में, जनसंख्या के 14% उम्र के 6 वर्ष से कम बच्चे है.

झाबुआ मध्‍यप्रदेश का सबसे छोटा जिला है। लेकिन मध्‍यप्रदेश का आदिवासी बहुल सबसे बड़ा जिला है। झाबुआ जिले का कुल भौगोलिक क्षेत्र 6781 वर्ग किलो मीटर है। जो‍ कि प्रदेश का 1.53 प्रतिशत क्षेत्र है। सम्‍पूर्ण जिले की जनसंख्‍या 667811 है जिसमें 565705 अनुसूचित जनजाति के लोग और 18259 अनुसूचित जाति की जनसंख्‍या है जो कि मध्‍यप्रदेश की कुल जनसंख्‍या का 1.6 प्रतिशत ही है। पुर्नगठित मध्‍यप्रदेश में लगभग 96­­;27 लाख जनजातीय आबादी निवास करती है। यहां गौंड और भील जनजातियों की आबादी अधिक है। कहा जाता है कि झाबुआ जिला भीलों का जिला है जहां 80 प्रतिशत भीलों का निवास है। जनसंख्‍या की दृष्टि से भील को भारत वर्ष की सबसे बड़ी जनजाति माना जा सकता है। सभी उप जातियों सहित भील जनजाति की कुल जनसंख्‍या लगभग 60 लाख है प्रशासनिक व्‍यवस्‍था के अर्न्‍तगत जिले को 5 राजस्‍व अनुभागों, 8 तहसीलों व 12 विकास खण्‍डों में बांटा गया है। जिले में 612 ग्राम पंचायतें व 1326 आबाद ग्राम है झाबुआ जिले में जो आठ तहसील हैं वे इस प्रकार है-- झाबुआ, रानापुर, अलीराजपुर, भाबर, जोबट, थांदला, मेघनगर, और पेटलावद। जिले के दक्षिणी एवं उत्‍तरी भाग पर नर्मदा और माही नदी बहती है। नर्मदा जिले की सबसे बड़ी नदी है। यह पूर्व से पश्चिम की और जिले के दक्षिणी किनारे से बहती है। जिले की हथनी नदी नर्मदा की मुख्‍य सहायक नदी है। झाबुआ एक आदिवासी बहुल जिले मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित है. यह पंचमहल और गुजरात के बड़ौदा जिलों, राजस्थान के बांसवाड़ा और धार जिले और मध्य प्रदेश के रतलाम जिलों से घिरा हुआ है. नर्मदा नदी जिले के दक्षिणी सीमा में है. पहाड़ी क्षेत्र है, आम तौर पर झाबुआ पहाड़ियों स्थलाकृति के रूप में जाना जाता है. कुल क्षेत्रफल 6793 वर्ग किलोमीटर है. वहाँ 1313 के लगभग छोटे-बडे बसे गांव हैं. जिसमें से 47 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं. इस प्रकार, झाबुआ एक आदिवासी बहुल क्षेत्र और गरीब जिला है. झाबुआ जिला कट्ठीवाड़ा और अन्य क्षेत्र को छोड़कर वनस्पति से रहित है और लहरदार, पहाड़ी क्षेत्रों से भरा है. इस क्षेत्र में दो जनजातियों भील और भीलाला मुख्यतः निवासरत है.

झाबुआ शहर , यहाँ के राजा झब्बू नायक के नाम से प्रेरित है. झाबुआ शहर पर सेकड़ो वर्ष पहले झब्बू राजा की हुकूमत थी , तथा यहाँ जोधा राठोर राजवंश के महाराजा द्वारा आक्रमण कर झब्बू राजा को परास्त किया गया तत्पश्चात झाबुआ शहर में राजवंशी राज, एवं जोधा राठोर राजवंश के महाराजाओ की हुकूमत हुई. जोधा राठौर राजवंश के संस्थापक राव जोधा जी है जिनके ही नाम से राठौर रघुवंशी समाज को जोधा राठौर रघुवंशियो के रूप में जाना गया. झाबुआ शहर पर जोधा राठौर राजवंशी की हुकूमत ई .पु 1584 से शुरू हुई. झाबुआ शहर के प्रथम महाराजा व जोधा राठौर राजवंश के प्रथम रघुवंशी महाराजा केशवदासजी थे जिन्होंने ई. पु 1584 से 1607 तक साम्राज्य संभाला . इस प्रकार समय के साथ झाबुआ शहर पर जोधा राठौर राजवंश की राज गद्दी पर राजवंश के विभिन महाराजा आसीन हुए व झाबुआ शहर की बागडोर संभाली. झाबुआ शहर के २० वे महाराजा अजीत सिंह जी वर्ष 1965 से 2002 तक राजगद्दी पर आसीत रहे व वर्ष २००२ में उनके देहावसान के पश्चात् झाबुआ शहर के २१ वे महाराजा के रूप में नरेन्द्रसिंह जी का राजतिलक व राज्याभिषेक किया गया . राजतिलक राजवंशी राजपुरोहित श्री हरिओम सिंह जी राजपुरोहित द्वारा अपने रक्त से किया गया . तत्पश्चात महाराजा नरेन्द्र सिंह जी को राजगद्दी पर आसीन किया गया .